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चंडीगढ। विधानसभा में बजट पर चर्चा के दौरान विधायक चिरंजीव राव ने सरकार को घेरते हुए कहा कि मात्र 1 लाख 83 हजार करोड के बजट से क्या होगा। मौजूदा बजट में से 60 प्रतिशत कर्मचारियों को वेतन व पेंशन देने में और 20 प्रतिशत कर्जे का ब्याज देने में चला जाएगा। बाकि बचे 20 प्रतिशत में प्रदेश का भला कैसे हागा। बजट में शिक्षा को मात्र 2 प्रतिशत, स्वास्थ्य को 5 प्रतिशत और कृषि को भी केवल 3.9 प्रतिशत दिया गया है। सरकार पर पहले से इतना कर्जा हो रखा है और इस वर्ष हरियाणा सरकार ने 64 हजार करोड का कर्जा ओर लिया है जबकि धरातल पर कोई कार्य भी नही दिख रहा है। कोई नया इंफास्ट्रक्चर नही दिखाई दे रहा है। फिसकल डेफिसिएट 4 प्रतिशत से ज्यादा हो चुकी है जो कि इतिहास में कभी नही हुई थी। इस तरह से तो प्रदेश दिवालिया भी घोषित हो सकता है। सरकार ने 4 साल पहले बोला था कि हर जिले में मेडिकल कॉलेज खोला जाएगा लेकिन आज तक इस पर कोई अमल नही किया गया है। रेवाडी में तो कांग्रेस शासनकाल 2014 से से ही मेडिकल कॉलेज पास है, उसके लिए जमीन भी चिंहित कर रखी है लेकिन इस बार भी बजट में कोई जिक्र नही किया गया। कोरोना काल में स्वास्थ्य सेवाओं की पोल खुलने के बाद भी आज तक एम्स का निमार्ण सरकार ने नही करवाया है। वहीं इस बजट में पुरानी पेंशन स्कीम का कोई जिक्र नही किया गया जबकि कर्मचारी धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। बदले में उन पर लाठीचार्ज सरकार की रही है।
विधायक चिरंजीव राव ने कहा कृषि के उपकरण मंहगे होते जा रहे हैं। सरकार का सबसिडी कम करती जा रही है। उर्जा के टयूबल कनेकशन देते थे वो पोर्टल ही पिछले 2 साल से बंद है। बजट में रोजगार का भी कोई जिक्र तक नही है। कोई नया आईएमटी नही खोला गया। उद्दोगों को आकर्षित करने के लिए सरकार के पास कोई योजना ही नही है। बेरोजगार के चलते प्रदेश का युवा नशे और अपराध की तरफ बढ रहे हैं। मंहगाई को कम करने के लिए सरकार क्या कर रही है। गैस सिलेंडर, पेट्रोल डीजल, सीएनजी , रोजमर्रा की वस्तुए सब कुछ मंहगा। बजट में रेवाडी व धारूहेडा बस स्टैंड का कोई जिक्र नही किया गया। जबकि धारूहेडा बस स्टैंड की बिल्ंिडग तो जरजर हालत में है और स्वयं परिवहन मंत्री जी ने भी माना है फिर भी इतनी देरी क्यों की जा रही है। कई बार सदन में यह मामला उठा चुका हूं। मंत्री महोदय ने इसका जल्द समाधान करवाने का आश्वासन भी दिया था लेकिन अभी तक समाधान नही हो सका है।
चिरंजीव राव ने कहा रेवाडी में एक दिन छोडकर एक दिन पीने का पानी आता है। सर्दीयों में नहरी पान की राशनिंग की गई अब गर्मी का मौसम आ चुका है ऐसे में लोगों को बडी मुश्किल का सामना करना पडेगा इस ओर सरकार ने बजट में ध्यान नही दिया। रेवाडी मेंं सैक्टरों की सडकों की हालात ऐसी है कि कहीं लगता ही नही सडक बनी हुई है, मैंने वहां स्वयं जाकर देखा। मजबूरन सैक्टर वासी धरने पर बैठे हुए हैं। पूरे प्रदेश में बरसाती पानी के हालात किसी से छिपे नही हैं। ऐसा ही हाल रेवाडी का है थोडी बरसात होते ही जगह-जगह पानी भर जाता है। डे्रनेज सिस्टम की जरूरत थी लेकिन बजट में ऐसा कुछ नही है।
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