
रेवाडी, विधायक चिरंजीव राव ने कहा केंद्र सरकार के मौजूदा बजट में गरीब, युवाओं और बेरोजगारों के लिए कुछ भी नही है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट स्पीच में कहीं भी बेरोजगारी, गरीबी या असमानता जैसे शब्दों का कहीं भी जिक्र नहीं कि बजट से पता चलता है कि सरकार ने आम लोगों की आजीविका के बारे में परवाह नहीं की है। इस बजट से किसे फायदा होगा, इससे न गरीब को, न नौकरी की तलाश में भटक रहे युवा को, न नौकरी से निकाले गए युवाओं को और न ही बड़ी संख्या में टैक्सपेयर को फायदा हुआ होगा। गृहिणियों के लिए भी इस बजट में कुछ खास नहीं है। चिरंजीव राव ने सरकार पर अमीर और गरीब के बीच बढ़ती असमानता को लेकर चिंता किए बिना बजट बनाने का आरोप लगाया है।
 विधायक चिरंजीव राव ने कहा बजट में से हरियाणा तो गायब ही रहा है। हरियाणा को तो कुछ भी नही दिया है। जब हरियाणा को ही कुछ नही मिला तो रेवाडी को तो क्या ही मिलना है। प्रधानमंत्री बनने से पहले तो नरेंद्र मोदी जी को रेवाडी दिखाई दी और यहां सबसे पहले रैली की और चुनाव में भी रेवाडी की याद आती है क्योंकि हरियाणा के विधानसभा चुनाव में भी रेवाडी में चुनावी प्रचार करने पंहूचे थे लेकिन चुनाव के बाद रेवाडी और हरियाणा को वे नही जानते हैं। लोगों को इतनी आशा थी बजट से लेकिन सभी की धरी की धरी रह गई। मनेठी एम्स की बात करें, सैनिक स्कूल की बात करें या फिर बिनौला की डिफेंस युनिर्वसटी की भाजपा सरकार चुनाव के बाद सब कुछ भूल जाती है।
विधायक चिरंजीव राव ने कहा बजट में से हरियाणा तो गायब ही रहा है। हरियाणा को तो कुछ भी नही दिया है। जब हरियाणा को ही कुछ नही मिला तो रेवाडी को तो क्या ही मिलना है। प्रधानमंत्री बनने से पहले तो नरेंद्र मोदी जी को रेवाडी दिखाई दी और यहां सबसे पहले रैली की और चुनाव में भी रेवाडी की याद आती है क्योंकि हरियाणा के विधानसभा चुनाव में भी रेवाडी में चुनावी प्रचार करने पंहूचे थे लेकिन चुनाव के बाद रेवाडी और हरियाणा को वे नही जानते हैं। लोगों को इतनी आशा थी बजट से लेकिन सभी की धरी की धरी रह गई। मनेठी एम्स की बात करें, सैनिक स्कूल की बात करें या फिर बिनौला की डिफेंस युनिर्वसटी की भाजपा सरकार चुनाव के बाद सब कुछ भूल जाती है।
विधायक चिरंजीव राव ने कहा कि यह बजट 2024 के लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखकर बनाया गया है। देश की महंगाई को तो वित्त मंत्री भूल ही गई। महंगाई को काबू पाने के लिए सरकार क्या कदम उठाएगी। युवाओं को रोजगार कैसे मिलेगा, किसानों की आय कैसे दोगुनी होगी, शिक्षा स्वास्थ्य सभी की आशा धरी की धरी रह गई। यह बजट दिशाहीन, निराश और अप्रगतिशील बजट है।

 
					 
					



